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भगवती मानव कल्याण संगठन की पहल का हो रहा असर: सुजारा ग्राम ने लिया ऐतिहासिक निर्णय, शराबबंदी से होगा गांव का भविष्य उज्जवल

बक्सवाहा। छतरपुर जिले के बक्सवाहा तहसील स्थित सुजारा ग्राम ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जो न केवल इस क्षेत्र बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। गांव के सरपंच जयकुमार राठौर सहित सभी ग्रामवासी, भगवती मानव कल्याण संगठन और बम्होरी चौकी प्रभारी की उपस्थिति में ग्रामसभा बुलाकर इस निर्णय पर पहुंचे कि अब इस गांव में शराब पूरी तरह से बंद रहेगी।

ग्रामवासियों ने जब देखा कि शराब के कारण गांव के युवा नशे की लत में फंसते जा रहे हैं, बच्चों पर भी इसका प्रतिकूल असर हो रहा है, और इसके चलते कई सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जैसे कि झगड़े, घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा में खतरा बढ़ रहा है, तब उन्होंने मिलकर यह निर्णय लिया। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि शराब के सेवन से टूटते-बिखरते परिवारों और समाज में अस्थिरता आ रही है, जिससे हर किसी को मानसिक और शारीरिक परेशानी हो रही थी।

ग्राम पंचायत का ऐतिहासिक निर्णय: ग्राम पंचायत द्वारा यह तय किया गया कि यदि कोई व्यक्ति गांव में शराब बेचता हुआ पाया जाता है तो उसे 11,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति शराब पीकर गाली-गलौज करता है तो उसे 5,000 रुपये का जुर्माना और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद भी यदि कोई इस निर्णय का उल्लंघन करता है तो गांव के सभी लोग मिलकर उस पर कानूनी कार्रवाई करवाएंगे।

भगवती मानव कल्याण संगठन का सहयोग:
इस अभियान में भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं का सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा। इस संगठन ने इस मुहिम को गांव में फैलाने और लोगों को जागरूक करने के लिए कड़ी मेहनत की। भगवती मानव कल्याण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह, संभागीय अध्यक्ष सुजान सिंह, छतरपुर जिला अध्यक्ष रतन सिंह, सुरजीत आठिया (पूर्व सरपंच), रममत सिंह (पूर्व सरपंच), महेंद्र सिंह, गंगा प्रसाद खरे, खिलान प्रसाद राठौर (शिक्षक), दिनेश मिश्रा (उपसरपंच), मंगल अहिरवार, मुल्ला अहिरवार, चिंतुआ अहिरवार, नारायण राय और अन्य समाजसेवियों ने इस अभियान को समर्थन दिया।

स्कूली छात्रों ने दिया नशा मुक्ति का संदेश:
इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ-साथ, गांव के बच्चों और स्कूली छात्राओं ने भी नशामुक्ति का संदेश फैलाने के लिए पूरे गांव में नशा मुक्ति देवी की रैली निकाली। इस रैली में गांव के सभी स्कूल स्टाफ ने भाग लिया और शराबबंदी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए गांवभर में अलख जगाई।

चौकी प्रभारी बमोरी का सहयोग: ग्रामसभा में बमोरी चौकी प्रभारी श्याम बेन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और इस अभियान में सहयोग देने के लिए अपनी सहमति दी। उन्होंने भी गांव के लोगों से अपील की कि वे इस अभियान में भाग लें और एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।

मुख्यमंत्री से मांग:
स्कूली छात्राओं ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की कि मध्य प्रदेश को पूर्ण रूप से नशामुक्त राज्य घोषित किया जाए ताकि राज्यभर में नशे की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सके।

ग्रामवासियों का कहना है कि इस निर्णय से गांव का माहौल शांतिपूर्ण और स्वस्थ बनेगा। वे उम्मीद करते हैं कि यह कदम अन्य गांवों और शहरों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा, और नशे से मुक्ति का संदेश दूर-दूर तक पहुंचेगा। इस ऐतिहासिक कदम के बाद सुजारा गांव अब एक स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

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