बस हादसे के बाद प्रशासन हुआ अलर्ट, दमोह जिले में सागर रोड पर की गई बसों की चेकिंग

दमोह। जिले में चेकिंग के दौरान नियम विरूद्ध तरीके से चल रहीं 9 बसों पर 18 हजार रुपये की चालानी कार्रवाई कर हिदायत दी गई। इधर, एसपी के निर्देश पर बटियागढ़ पुलिस द्वारा नीमन तिराहा पर बसों के फिटनेस व दस्तावेजों की जांच की गई। ड्राइवर का वर्दी में न होना, दस्तावेज की कमी, नंबर प्लेट सही न होना, ओवरलोडिंग कमियां पाए जाने पर 4500 रुपये की चालानी कार्रवाई की गई।
सड़कों पर फर्राटा भर रही कंडम बसें-
जिले की सड़कों पर कंडम बसें दौड़ रही हैं। इनमें बैठकर यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। ग्रामीण रूट पर चलने वाली बसों की स्थिति काफी खराब है। किसी बस में खिड़कियां व सीट टूटी हुई हैं तो किसी में आपातकालीन दरवाजा पर सामान रखा जा रहा है। अनेक बसों में फॉग लाइटें नहीं लग सकी हैं। रात में बस चलाते समय चालकों की परेशानी बढ़ जाती है। धुंध व कोहरे के कारण चालक को दूर तक देखने में दिक्कत होती है, ऐसे में किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है।
जिले में सैकड़ों बसों का होता है संचालन-
दमोह से बनवार, पटेरा, हटा, तेंदूखेड़ा, झलोन, बालाकोट, पथरिया, बटियागढ़ रूट पर जाने वाली बसों की हालत काफी खराब है। दमोह बस स्टैंड पर रोजाना 300 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें 25 से अधिक बसें कंडम हालत में हैं। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण कई खटारा व अनफिट बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। मनमर्जी से चल रही इन यात्री बसों में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इनका समाधान नहीं हो पा रहा है। जिससे यात्री अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं।
क्या हैं बस संचालन की गाइडलाइन–
बसों के संचालन के लिए परिवहन विभाग द्वारा गाइडलाइन तय की गई है। जिसमें 15 साल पुरानी बस को नहीं चलाने, प्रत्येक बस में सीसीटीवी कैमरे, पेनिक बटन, इमरजेंसी गेट, अग्नि शमक यंत्र, किराया सूची, फिटनेस जांच, पिछले कांच से जाली हटाना, फस्ट एड बॉक्स, कांच पर परमिट, बीमा, रूट की जानकारी लिखना, बस के कर्मचारियों पर ड्रेस कोड लागू करना आदि मापदंड लागू करवाने के आदेश दिए गए हैं, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो, लेकिन परिवहन विभाग के आदेश के बावजूद न तो बस में नियम लागू हुए और न ही परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।