गुरु, शिष्य के जीवन में प्रकाश की वृष्टि करता है – डॉ०एस०एम० पचौरी
गुरु पूर्णिमा महोत्सव तथा सम्मान समारोह का दो दिवसीय आयोजन

सागर। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गढ़ाकोटा में मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सौजन्य से गुरु पूर्णिमा उत्सव तथा सम्मान समारोह प्राचार्य डॉ० ए०के० सिन्हा की अध्यक्षता तथा जन भागीदारी समिति अध्यक्ष श्री शमिक कुमार शर्मा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस समारोह के विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ०एस०एम० पचौरी थे।
मुख्य वक्ता श्री गणेश संस्कृत महाविद्यालय गढ़ाकोटा के प्राचार्य श्री जगदीश प्रसाद तिवारी तथा श्री नीतेश दुबे थे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ० घनश्याम भारती ने किया तथा आभार डॉ० कल सिंह पटेलिया ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की रूपरेखा कु० आकृति खरे ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर सरस्वती वंदना तथा गुरु वंदना महाविद्यालय की छात्राएं स्नेहा साहू, स्वाति सेन तथा साक्षी सेन ने प्रस्तुत की।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित विषयों पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी विद्यार्थियों के बीच हुआ। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बी०ए० द्वितीय वर्ष के छात्र दुर्गेश अहिरवार ने, द्वितीय स्थान एम०ए० द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा शिवानी कर्मी ने तथा तृतीय स्थान एम०ए०चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा शिवानी तिवारी ने प्राप्त किया। विजेताओं को जनभागीदारी समिति अध्यक्ष तथा प्राचार्य द्वारा प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को क्रमशः 501रू०, 251रू० तथा 151रू० की सम्मान राशि तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शमिक कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व की चर्चा की। विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ०एस० एम० पचौरी ने कहा कि गुरु, शिष्य के जीवन में प्रकाश की वृष्टि करता है अतः हमेशा शिष्य को गुरु के सानिध्य में रहना चाहिए। मुख्य वक्ता श्री जगदीश प्रसाद तिवारी ने कहा की हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य की एक लंबी परंपरा रही है। मुख्य वक्ता श्री नीतेश दुबे ने संस्कृत में गुरु शिष्य परंपरा संबंधी अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। अध्यक्षीय उद्बोधन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० ए०के० सिन्हा ने दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं तथा मीडिया कर्मी उपस्थित थे।