मध्यप्रदेशकटनी

तानाशाही या लापरवाही?: छात्रों के बीच विवाद मे डीएवी स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई

डीएवी स्कूल की तानाशाही से छात्रों का भविष्य खतरे मे, छात्रों के बिच होते हैं विवाद मैनेजमेंट बजाता है तालिया

कटनी। जिले के विजयराघवगढ़ अनुविभाग अंतर्गत कैमोर डीएवी स्कूल की एक घटना छात्रों और पालकों को बेहद चौंका ने वाली है यह डरावनी घटना के पिछे डीएवी की तस्वीर बेहद घिनौनी दिखाई दे रही है।

डीएवी स्कूल कैमोर में कक्षा तीसरी में पढ़ने वाले एक छात्र का प्रायवेट पार्ट पकड़कर मरोड़ दिया गया। घटना के बाद छात्र की हालत नाजुक है, छात्र को कटनी से जबलपुर रेफर किया गया। इस घटना में स्कूल प्रबंधन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। छात्र के पिता ने एसपी और थाना प्रभारी से शिकायत भी की है। किन्तु एक बडे मैनेजमेंट का हिस्सा बनी डीएवी स्कूल प्रबंधन पर कार्यवाही करने मे सभी के हाथ पैर फुल रहे हैं। हालांकि डीएवी स्कूल प्रबंधन की हरकतों से डीएवी स्कूल काफी बदनामियो से गुजर चुका है कभी फिस का भेद भाव तो कभी एडमिन भर्ती को लेकर बदनाम है बताते चले की डीएवी स्कूल आम आदमी के बच्चों का एडमिशन नही कर्ता बल्कि सोर्स सिफारिश वाले बच्चों को एडमिशन देता है।

अधिकारी कर्मचारी के साथ साथ जन प्रतिनिधियों के बच्चे शिक्षा रत है वही एसीसी के कर्मचारियों अधिकारीयों के अधिकतर बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जिनके लिए डीएवी स्कूल मैनेजमेंट ने अलग अलग फिस का प्रावधान है। डीएवी स्कूल मैनेजमेंट जिस व्यक्ति के हाथ है वह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है छात्रों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित कर ताली बजा रहा है स्कूल प्रबंधन के हाथो छात्रों का भविष्य खतरे मे नजर आ रहा है जब एक बच्चे के साथ न्याय नही कर सकते वह स्कूल कैसे चला पाएगें।

मामला कुछ इस तरह है-
कैमोर थाना क्षेत्र के खलवारा बाजार निवासी मनोज सिंह चौहान ने कटनी एसपी, कलेक्टर, थाना प्रभारी को सौंपी लिखित शिकायत में बताया है कि उसका पुत्र कक्षा तीसरी में डीएवी एसीसी स्कूल कैमोर में पड़ता है।

11 जुलाई को शिक्षक की उपस्थिति में कक्षा के अंदर दो सहपाठी छात्रों ने पुत्र के प्रायवेट। पार्ट को मरोड़ दिया। दोस्तों ने धमकी दी कि किसी को कुछ बताया तो टॉयलेट में ले जाकर पिटाई करेंगे। जानकारी के अनुसार दोनों छात्र पूर्व में भी कुछ छात्रों को टॉयलेट में ले जाकर मारपीट कर चुके हैं।यही बजह रही की डरे सहमे छात्र ने किसी को कुछ नहीं बताया। उसी दिन रात्रि में दर्द उठने के बाद परिजनों ने जब बातचीत की तो सच्चाई सामने आ गई। किन्तु डीएवी स्कूल मैनेजमेंट ने मारपीट करने वाले छात्रों पर कोई कार्रवाई नही की बल्कि ऎसे बच्चों को प्रोत्साहित करते दिखे।

छात्र के पिता ने बताया कि 13 जुलाई को विजयराघवगढ़ सरकारी अस्पताल से पुत्र को कटनी जिला अस्पताल रेफर। किया गया। यहां पर डॉ. आशीष पांडे द्वारा चेकअप के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। तभी से लेकर अभी तक छात्र अस्वस्थ है और लगातार उपचार चल रहा है। पुत्र की गंभीर हालत को देखकर परिवार दुखी व परेशान है। घायल पुत्र डरा व सहमा हुआ है।

वही पीढित छात्र के चाचा मनोज चौहान ने बताया कि उन्होंने घटना की शिकायत प्राचार्य, स्कूल शिक्षक एवं स्कूल प्रबंधन को भी की है। छात्र के परिजनों का आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन व प्राचार्य द्वारा मामले को टालमटोल करते हुए समय व्यतीत किया जा रहा है। 16 जुलाई को एचआर मैनेजर द्वारा कहा गया कि छात्र के संबंध में जो करना है कर ले, हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते। परिजनों का यह भी कहना है कि स्कूल प्रबंधन, प्राचार्य व शिक्षक ने इस मामले में घोर लापरवाही की है। छात्र के भविष्य को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। चिकित्सक द्वारा कहा गया है कि नपुंसक होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। परिजनों ने शिकायत की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी प्रेषित की है।

प्रशासनिक कानून व्यवस्था-
डीएवी स्कूल मे हुए दो पक्षों मे हुए विवाद के लिए कौन जिम्मेदार है आखिर स्कूल के अंदर लगातार टोयले के अंदर मारपीट करने वाले छात्र के विरुद्ध कार्रवाई क्यो नही हो रही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा डीएवी की चौखट तक पहुच पाना नामुमकिन क्यो हो रहा है। आखिर प्रशासनिक अधिकारी हाथ पर हाथ रखे हुए क्यो है।

एक बालक की विवाद परिजनों तक पहुचे इससे पहले प्रशासन को गम्भीर होना चाहिए। स्कूल मैनेजमेंट और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही किसी बडे विवाद की चेतावनी दे रही है बच्चों के प्रति हर माता-पिता बेहद सम्वेदनशील होते हैं बच्चों पर आई आफद को खुद लेना पसंद करते हैं वही अगर कोई बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर्ता है तो मामला बेहद पेचीदा हो जाता है उस वक्त प्रशासनिक अधिकारी व सम्बोधित लोग जिम्मेदार होते हैं। अभी तक छात्र की हालत बेहद गम्भीर बताई जा रही है व आने वाले समय मे भी बच्चे को काफी तकलीफों का सामना करना पड सकता है।

(प्रशांत मिश्रा शेरा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)

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