श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं ने उन्नत कृषि अभियान परिषद, सागर का किया शैक्षणिक भ्रमण

छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं का शैक्षिक भ्रमण उन्नत कृषि अभियान परिषद, सागर (म.प्र.) के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री विजय सिंह द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र- छात्राओं ने उन्नत कृषि अभियान परिषद में भ्रमण के दौरान वहाँ देश के माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा पुरस्कृत जैविक खेती विशेषज्ञ श्री आकाश चौरसिया से भी मुलाकात की।
श्री चौरसिया ने विद्यार्थियों को मिट्टी परीक्षण, जैविक खेती, उन्नत बीज, खाद प्रसंस्करण, संरक्षित खेती, मृत पशुओं का उपयोग, राकफास्फेट की उपयोगिता, दुग्ध उत्पादन, वन संरक्षण, सौर ऊर्जा, एवं पशुओ की देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंनें बताया कि कम से कम स्थान पर भी किसान भाई मल्टीलेयर फ़ार्मिग द्वारा अधिक से अधिक लाभ ले सकते है इससे पर्यावरण को कोई खतरा नहीं रहता हैं।
आप यहाँ इस कृषि परिषद में देख रहे है कि पेड़ पौधे किस तरह से सुरक्षित है और अच्छी तरह से फल फूल भी रहे है इसकी मात्र वजह यह है कि जैव विविधता के कारण ही हमने अपने इस फार्म में विगत 5-6 वर्षों में किसी भी प्रकार की जैविक दवा का प्रयोग नहीं किया है। जैव विविधता संरक्षण के लिए जल,थल एवं वायु पारिस्थितिक तंत्र का आपसी सामंजस्य होना बेहद जरूरी है। जैव विविधता का अर्थ है. जैविकU विविधता यह पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीवन, पौधों, जानवरों, कवक और सूक्ष्म जीवों के साथ-साथ उन समुदायों को संदर्भित करता है जो वे बनाते हैं और वे आवास जिनमें वन्यजीव रहते हैं।
उपकुलपति गिरीश त्रिपाठी ने कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थियों ने व्यवाहरिक प्रशिक्षण लिया है उन्होंने सीखा कि प्राकृतिक जैविक कृषि में अनेक संभावनायें है, पूरी दुनिया में विषमुक्त उत्पादों की आवश्यकता है इसमे अच्छी इंटरप्रेन्योरशिप तैयार की जा सकती है इस संदर्भ में छात्र- छात्राएं अनेक नवाचार शोध कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। सघन कृषि को अधिक उत्पादन देने वाले बीजों की प्रजातियों, उनकी भारी मात्रा में उर्वरकों के उपयोग की दक्षता के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ. आकाश सिंह ने शैक्षणिक भ्रमण की सफलता पर कहा कि छात्रों को जैविक खाद की अनेक तकनीक, कंद वाली फ़सलो के भंडारण तरीक़े, भारतीय नस्ल की विलुप्त हो रही देशी प्रजातियों का संरक्षण, जल व भूमि संरक्षण एवं जैव विधितता के महत्व के प्रत्यक्ष प्रमाण यहाँ देखने को मिले हैं, निश्चित ही विद्यार्थियों ने इस शैक्षणिक भ्रमण से जो ज्ञान प्राप्त किया उससे लाभांवित होंगे।
इस शैक्षिक भ्रमण में विश्वविद्यालय के उपकुलपति गिरीश त्रिपाठी कृषि संकाय के अध्यक्ष डॉ. आकाश सिंह के अतिरिक्त कृषि संकाय के डॉ. प्रियंका गंगेले, सहायक प्राध्यापक शिवराज सिंह, शिवम नायक, कुलदीप सिंह और छात्र -छात्राएँ उपस्थित रहे।
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह जी गौतम, चेयरमैन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह जी गौतम, कुलपति डॉ. अनिल कुमार धगट, उपकुलपति श्री गिरीश त्रिपाठी, कुलसचिव श्री विजय सिंह एवं प्राध्यापकों ने छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।