गीता पर संकीर्तन व प्रवचन माला सम्पन्न, गीता जीवन उपयोगी व मोक्षदायिनी है: पं. लखनलाल पाठक

छतरपुर। गीता जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय महल रोड स्थित गीता मंडल भवन में श्रीमद् भगवद् गीता पर 6 दिवसीय संकीर्तन व प्रवचन माला का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में धर्मप्रेमियों ने पधारकर गीता पर प्रवचनों को श्रवण किया ।
आयोजन समिति के सचिव आशुतोष तिवारी ने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को श्रीमद् भागवत गीता का उपदेश दिया था । गीता के सार को लोग समझे उसका अनुसरण करें इसलिए गीता मंडल ट्रस्ट द्वारा गीता पर प्रवचन का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष भी गीता जयंती (मोक्षदा एकादशी) 11 दिसंबर से 16 दिसंबर तक प्रतिदिन शाम 7 बजे से 9 बजे तक 77 वां संकीर्तन व प्रवचन का आयोजन हुआ जिसमें प्रवचनकर्ता के रूप में गीता मनीषी पं. लखनलाल पाठक दौरिया आश्रम के द्वारा गीता के सार को प्रतिपादित किया गया। उन्होंने गीता के 18 अध्यायों में ज्ञान योग, कर्म योग व भक्तियोग के बारे विस्तृत प्रकाश डाला व गीता के महत्व को समझाते हुए जीवन में उपयोगी व मोक्षदायिनी होने पर व्याख्या की।
कार्यक्रम के संयोजक पं. सौरभ तिवारी ने बताया कि उक्त आयोजन का उद्देश्य गीता के सार को जन जन तक पहुंचाना है ताकि लोग गीता को पढ़ें व उसका अनुसरण करें । आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। समापन अवसर पर गौसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही समिति को ट्रस्ट द्वारा 5000 रुपए की सहयोग राशि देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन में समिति के अध्यक्ष डॉ. जे.पी. चौरसिया, नारायण काले, उपाध्यक्ष आनंद शर्मा, रामचरण मेहतों, रामबाबू अग्रवाल ,प्रवीण गुप्त, भालचंद्र नातू, चिराग तिवारी, प्रभा वैद्य, डॉ. आनंद शर्मा, राधे शुक्ला, जयकुमार गुप्ता, सुधीर अरजरिया सहित कई लोग शामिल रहे ।