उत्तरप्रदेश

विद्युत विभाग के एमडी ने एसडीओ के विरुध्द दिये विभागीय जांच के आदेश

जांच अधिकारी पर मामला दबाने का आरोप

चरखारी (महोबा)। विद्युत विभाग के एसडीओ के व्दारा बरती जानने वाली अनियमितताओं पर प्रबंध निदेशक व्दारा विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये गये हैं जिस पर जांच अधिकारी व्दारा विभागीय मामले को दबाने की नियत के कारण उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इसको लेकर गणमान्य नेतृत्व की अगुवाई में पीडित पक्षों व्दारा विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

ज्ञातव्य है कि जिलान्तर्गत चरखारी तहसील मुख्यालय पर तैनात विद्युत विभाग के एसडीओ भोलानाथ पर स्थानीय उपभोक्ताओं ने न केवल अनियमिततायें बरतने, मनमाने बिल भेजने तथा अभद्रता करने के अनेक आरोप लगाये हैं बल्कि एसडीओ व्दारा अपने खास गुर्गों से शिकायतकर्ताओं पर जानलेवा हमले करवाने तक की शिकायतें की थी। उक्त शिकायतों की गम्भीरता देखते हुए दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नितीश कुमार ने विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिये थे।

उल्लेखनीय है कि दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने एसडीओ के आपराधिक कृत्यों की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता लक्ष्मी शंकर को जांच अधिकारी नियुक्त किया था परन्तु विभागीय अधिकारी के आपराधिक कृत्यों को दबाने की नियत से जांच अधिकारी व्दारा अभी तक जांच कार्य को न तो आगे ही बढाया है और न ही पीडित पक्ष से इस संबंध में कोई जानकारी ही ली है।

प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार के नियमानुसार विभागीय जांच के दौरान स्थल निरीक्षण, प्रभावित पक्षों को सूचना भेजकर संवाद हेतु बुलावा, पीडित पक्ष से घटना की विवरण लेना, घटना स्थल पर यदि सीसीटीवी कैमरा लगा हो तो उसका डाटा लेकर उसके साथ हुई छेडछाड की जांच हेतु अधिकृत लैब में भेजकर जांच रिपोर्ट प्राप्त करना, आरोपी के उपकरणों की अधिकृत विशेषज्ञों से जांच करवाने के बाद आख्या संकलित करना, आरोपी का वक्तव्य लेना जैसे अनेक प्राविधानों को सुनिश्चित करना आवश्यक होता है परन्तु अभी तक जांच कार्य को आगे न बढाने पर पीडित पक्षों व्दारा गणमान्य नेतृत्व की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है ताकि एसडीओ को कथित मनमाने और आपराधिक आचरण पर दण्ड मिल सके।

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