देवी लक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु और तुलसी की भी करें दीपावली पर पूजा, अलक्ष्मी के लिए घर के बाहर जलाएं दीपक

डेस्क न्यूज। कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर दिन रविवार को दीपावली है। इस तिथि पर देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाएगा। देवी लक्ष्मी की पूजा से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनका ध्यान न रखने पर पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। छतरपुर निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेशचंद मिश्रा के मुताबिक, दीपावली की पूजा में महालक्ष्मी के साथ ही विष्णु जी की प्रतिमा भी जरूर रखें। अकेली लक्ष्मी की पूजा करने बचना चाहिए। माना जाता है कि देवी लक्ष्मी अपने पति विष्णु जी के बिना एक भी पल कहीं ठहरती नहीं हैं। इसलिए लक्ष्मी-विष्णु की पूजा एक साथ करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत गणेश पूजन से करें।
दिशा का भी ध्यान रखें पूजा करते समय-
दीपावली पूजन करते समय काले और गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। लाल, पीले या सफेद कपड़े पहनेंगे तो बेहतर रहेगा। लक्ष्मी पूजा करते समय हमारा मुख उत्तर या पश्चिम दिशा में रहेगा शुभ रहेगा।
तुलसी के पत्ते जरूर रखें लक्ष्मी-विष्णु पूजा में-
अमावस्या पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। इस तिथि पर तुलसी के पास गिरे हुए पत्तों को पूजा के लिए उठा लेना चाहिए। अगर तुलसी के पुराने पत्ते हों तो उन्हें धोकर फिर से पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं। लक्ष्मी-विष्णु पूजा में तुलसी के साथ ही भोग लगाना चाहिए। दीपावली पर सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास रंगोली बनाएं। तुलसी की भी सजावट करें। लाल चुनरी ओढ़ाएं। दीपक जलाएं।
घर के बाहर जलाएं अलक्ष्मी के लिए दीपक-
दीपावली की शाम लक्ष्मी जी पूजा घर के अंदर की जाती है और घर के बाहर अलक्ष्मी के नाम का एक दीपक जरूर जलाना चाहिए। ये दीपक पीपल के पास जलाएंगे तो बहुत अच्छा रहेगा। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की बड़ी बहन अलक्ष्मी का वास पीपल के पास ही होता है। पीपल के नीचे दीपक जलाने का भाव ये है कि अलक्ष्मी सदैव पीपल के पास ही रहें और हमारे घर न आएं।