प्रत्येक नागरिक को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराने योजनाबद्ध तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं का किया जा रहा है विस्तार: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में ऐतिहासिक और सर्वांगीण प्रगति
@भोपाल। राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक और तकनीक आधारित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं और इसी उद्देश्य के अनुरूप योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में ऐतिहासिक और सर्वांगीण प्रगति की है। यह बात उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने जनसंपर्क संचालनालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 से बढ़कर 19 हो चुकी है तथा निजी मेडिकल कॉलेज 12 से बढ़कर 14 हो गए हैं।

आगामी शैक्षणिक सत्र से दमोह, बुधनी और छतरपुर में नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ सेवाएं भी सुदृढ़ होंगी। राजगढ़, मंडला और उज्जैन में मेडिकल कॉलेज स्थापना का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त पीपीपी मॉडल के अंतर्गत 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें कटनी, धार, पन्ना और बैतूल में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, इंदौर में 50 एमबीबीएस सीटों के साथ शैक्षणिक गतिविधियां आरंभ हो चुकी हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि शासकीय एमबीबीएस सीटों की संख्या 2275 से बढ़कर 2850 हो गई है तथा शासकीय एवं निजी क्षेत्र को मिलाकर कुल एमबीबीएस सीटें 5550 तक पहुंच चुकी हैं। पीजी (एमडी/एमएस) सीटों की संख्या 1262 से बढ़कर 1468 हुई है और कुल पीजी सीटें 2862 हो गई हैं।
इसके साथ ही 93 सुपर स्पेशियलिटी सीटों की उपलब्धता से प्रदेश में उन्नत चिकित्सा शिक्षा और विशेषज्ञ सेवाओं को नया आयाम मिला है। अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर में अस्पताल भवन, मिनी ऑडिटोरियम, नर्सिंग हॉस्टल सहित विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु 773.07 करोड़ रुपये, श्यामशाह मेडिकल कॉलेज, रीवा हेतु 321.94 करोड़ रुपये तथा सतना मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नए अस्पताल के लिए 383.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही 13 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए 192.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में अत्याधुनिक लिनियर एक्स-रेटर मशीनें स्थापित की गई हैं, जिससे कैंसर उपचार की सुविधाएं प्रदेश स्तर पर सुलभ हुई हैं।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और सागर में सीटी स्कैन एवं एमआरआई मशीनों को स्वीकृति दी गई है, जबकि ग्वालियर, रतलाम और विदिशा में एमआरआई एवं सीटी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। भोपाल एवं रीवा में कार्डियक कैथ लैब स्थापित की गई हैं तथा भोपाल, इंदौर, रीवा और सागर में ब्रेकी-थेरेपी मशीनों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इंदौर और जबलपुर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेवाएं प्रारंभ हो चुकी हैं और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन एवं हार्ट हार्वेस्टिंग के माध्यम से सात लाभार्थियों को जीवनदान मिला है। इंदौर मेडिकल कॉलेज में ब्लड कैंसर उपचार के लिए अत्याधुनिक CAR-T सेल थेरेपी प्रारंभ की गई है, जो प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में देहदान करने वाले 38 नागरिकों को मरणोपरांत गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर सम्मानित किया गया है। एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से अब तक 109 गंभीर रोगियों को समय पर उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मैहर, मऊगंज और पांडुरना में नए जिला अस्पताल प्रारंभ किए गए हैं तथा टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर और डिंडोरी जिला चिकित्सालयों के उन्नयन से कुल 800 बिस्तरों की वृद्धि और 810 नए पदों को स्वीकृति दी गई है। मई 2024 में पीएम एयर एम्बुलेंस सेवा प्रारंभ की गई और जुलाई 2025 से शव परिवहन सेवा के माध्यम से 6308 नागरिकों के शवों का सम्मानजनक परिवहन सुनिश्चित किया गया है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-20 की तुलना में मातृ मृत्यु दर 173 से घटकर 142 तथा शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 37 हो गई है। मातृ-शिशु संजीवन मिशन और अनमोल 2.0 के माध्यम से उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान, रेफरल और प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है। जननी सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत लाखों लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाया गया है। एसएनसीयू और एनआरसी की सफल डिस्चार्ज दरों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे नवजात एवं कुपोषित बच्चों के उपचार में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
नॉन-कम्युनिकेबल रोगों, टीबी नियंत्रण, सिकल सेल मिशन और आयुष्मान भारत योजना पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में करोड़ों नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है और टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में नोटिफिकेशन, उपचार सफलता दर और मृत्यु दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सिकल सेल मिशन के अंतर्गत व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग, जेनेटिक काउंसलिंग और उपचार सुनिश्चित किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत करोड़ों आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं और हजारों करोड़ रुपये के उपचार अनुमोदित कर नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की गई है।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना साझा करते हुए कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2028 तक सभी निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का संचालन, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, एमबीबीएस एवं पीजी सीटों में वृद्धि, विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती, सिविल अस्पतालों में डायलिसिस, एमआरआई एवं कैथ लैब सुविधाओं का विस्तार, प्रमुख राजमार्गों पर ट्रॉमा सेंटरों का विकास तथा टेलीमेडिसिन सेवाओं का व्यापक विस्तार करना है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक, डिजिटल और नागरिक-केंद्रित सेवाओं का नया मानक स्थापित किया है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी के नेतृत्व में प्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र आने वाले वर्षों में और अधिक सशक्त, समर्पित और सर्वसुलभ बनेगा। इस अवसर पर राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव श्री संदीप यादव, आयुक्त श्री तरुण राठी, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. सलोनी सिडाना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री दिनेश श्रीवास्तव सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।











