भारतीय नौसेना की चीन-पाकिस्तान के युद्धाभ्यास पर पैनी नजर

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं हिंद महासागर में समय संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं। इस युद्धाभ्यास पर भारतीय नौसेना की भी नजर है। खासकर चीन के जहाजों पर नौसेना खास नजर रख रही है। बुधवार को सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नौसेना चीनी जहाजों की मूवमेंट पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। चीन के जहाजों ने मलक्का स्ट्रेट से हिंद महासागर में प्रवेश किया और उसके बाद से ही वह भारत के रडार पर हैं।
चीन जहाजों द्वारा जासूसी का खतरा
बता दें कि पाकिस्तान और चीन की नौसेनाएं अब तक का सबसे बड़ा नौसेना युद्धाभ्यास कर रही हैं। इस युद्धाभ्यास को सी गार्जियन-3 नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों की नौसेनाएं लाइव फायर ड्रिल करेंगी, जिसका मकसद अपनी समुद्री ताकत दिखाना है। चीन की नौसेना लगातार हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है। यही वजह है किसी ना किसी बहाने चीन की नौसेना हिंद महासागर में जासूसी करने की कोशिश करती है। पिछले साल भी हिंद महासागर में चीन के सर्विलांस और ओशनोग्राफिक सर्वे जहाजों की मौजूदगी का पता चला था। बीते दिनों ही रिसर्च के नाम पर चीन का सर्विलांस जहाज श्रीलंका के कोलंबो में डॉक रहा था।
चीन हिंद महासागर में बढ़ा रहा अपनी ताकत-
चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं अरब सागर में कराची तट पर युद्धाभ्यास कर रही हैं। हालांकि आशंका है कि चीन की नौसेना इस युद्धाभ्यास के जरिए हिंद महासागर के विशाल हिस्से का सर्वेक्षण कर सकती है ताकि हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों को नेविगेट किया जा सके। चीन हिंद महासागर मे पानी के नीचे नेवीगेट करने के लिए मानचित्र बनाने के लिए डेटा इकट्ठा कर रहा है और इसी पर भारतीय नौसेना की नजर है। चीन की नौसेना हिंद महासागर इलाके में नियमित रूप से युद्धाभ्यास भी कर रही है और साथ ही चीन हिंद महासागर में अपने नौसेना बेस बना रहा है। हालांकि भारतीय नौसेना द्वारा भी चीन के खतरे को देखते हुए अपने युद्धाभ्यास की संख्या बढ़ा दी है।