रामराज की परिकल्पना पर जनभागीदारी अध्यक्ष का संबोधन
ऐसा आदर्श स्थिति, जिसमें कोई उपेक्षित वंचित और तिरस्कृत नहीं होता, जिसमें अंतिम व्यक्ति की आवाज बिना किसी व्यवधान के पहुंचती और सुनी जाती है

गढ़ाकोटा। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गढ़ाकोटा में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय में पांच दिवसीय प्रभु श्री राम के जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। तृतीयदिवस के आयोजन के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री शमिक कुमार शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० ए०के० सिन्हा ने की। कार्यक्रम का संयोजन तथा संचालन डॉ० घनश्याम भारती ने किया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा रामराज एक परिभाषित पद है। लोक कल्याण और लोक आराधना के लिए समर्पित शासक से रामराज्य प्रारंभ होता है और सगुण सकारात्मक तथा नैतिक भावना से पूर्णता को प्राप्त करता है। एक ऐसा आदर्श स्थिति, जिसमें कोई उपेक्षित वंचित और तिरस्कृत नहीं होता, जिसमें अंतिम व्यक्ति की आवाज बिना किसी व्यवधान के पहुंचती और सुनी जाती है महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच भाषण, चित्रकला, आलेख, निबंध लेखन तथा स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हुआ। आभार डॉ सुनील विश्वकर्मा ने व्यक्त किया।
भगवान राम के जीवन चरित्र पर आधारित इस आयोजन में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ० कल सिंह पटेलिया, कु०आकृति खरे, विनोद बागडे, अभय यादव, बृजेंद्र सिंह दांगी, ममता अहिरवार, डॉ मेघा सिंह, आस्था दुबे, बृजलाल अहिरवार, शरद चौबे, रोशन यादव, विवेक महतो, पुष्पेन्द्र बर्मन सहित अन्य कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
(पुरुषोत्म लाल पटेल गढ़ाकोटा सागर)