स्व सत्येंद्र पाठक जी की स्मृति मे बन रहे स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण की समीक्षा करने पहुचे विधायक
करोड़ों मे खेलने वाला साधारण मनुष्य की भाती अपनो के लिए न कभी जमीन पर तो कभी मोटरसाइकिल पर कोई अहम घमंड नही

कटनी। विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने पूर्व मे पिता पंडित सत्येंद्र पाठक जी की स्मृति मे लगभग 11 करोड़ की लागत से सर्व सुविधायुक्त अस्पताल भवन बनाने की घोषणा की थी जिसका निर्माण बडी तेजी से चल रहा है कार्य की समीक्षा करने पहुचे विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने उचित दिशा निर्देश दिए। कटनी जिले मे स्वास्थ्य के लिए आसपास के गरीब व पडोसी जिलो से मरिजो का आवागवन रहता है। मरीजों को स्वास्थ्य व्यवस्था दिलाने के लिए सर्वसुविधायुक्त स्वास्थ्य भवन का निर्माण कराया जा रहा है। यह भवन जल्द बन कर तैयार हो जाएगा जो गरीब जरूरतमंद मरिजो को लाभ पहुंचाएगा।
संजय सत्येंद्र पाठक मरीजों के लिए समर्पण भावना से कार्य करते रहते हैं समय समय पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरिजो को करोड़ों रुपये खर्च कर परिवार के चराग को बचा दुखी परिवार मे खुशियों की दिवाली जैसी खुशी देते रहते हैं। संजय सत्येंद्र पाठक अपने पिता के नक्शेकदम मे चलते हुए समाज हित धर्म हित के कार्यो मे अधिक रुची रखते हुए अपने माता पिता का नाम गौरवान्वित करते हैं। आने वाले समय मे विजयराघवगढ़ हरिहर तीर्थ धाम संजय सत्येंद्र पाठक की परिकल्पना भी जल्द पूर्ण होगी हजारो तिर्थो मे एक हरिहर तीर्थ धाम भी सामिल होगा। आने वाला समय मध्यप्रदेश के नक्शे मे एक चमकते सितारे की तरह चमकेगा।
हरिहर तीर्थ धाम संजय सत्येंद्र पाठक की परिकल्पना और निर्माण कोई छोटा कार्य नही एक ऐसा संकल्प है जिसकी कल्पना आम आदमी के बस की बात नही। ऐसे धार्मिक स्थलों के निर्माण की प्रेरणा ईश्वर किसी किसी को सौपता है ईश्वर के अन्नय भक्ततो मे वह एक होता है ऎसे ही अन्नय भक्तो की गिनती मे विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक का नाम है। ईश्वर की कृपा गुरुओ का आशिर्वाद माता पिता के संस्कार बडो का मार्गदर्शन लेकर संजय सत्येंद्र पाठक ने अनेको ऐसे संकल्प लिए और उन्हे अंजाम जक पहुचाया जिसकी सिर्फ कल्पना से आम इंसान के रोमटे खडे हो जाते है। संजय सत्येंद्र पाठक ने अपने जिवन मे इतने उपकार लोगों की मदद धार्मिक यग आदी कराए जिनका वर्णन कर पाना किसी के बस की बात नही।
खुद को सेवक की कुर्सी पर और विजयराघवगढ़ विधानसभा छेत्र के लोगों को विधायक का सम्मान देते देखा गया है एक सर्वगुण सम्पन्न सफल राजनेता कामयाब उद्योगपति के साथ साथ अनेको खुशियो के धनी होने के बाद सरल सहज व्यक्तित्व के धनी संजय सत्येंद्र पाठक से अहम घमंड दूर ही रहता है। महानता और बडप्पन इतना की बुराई करने वाला हो या विरोधी विपक्षी सभी को गले लगाकर अपने साथ रखने का हुनर भी है। जिसे जिस नजरिए से देखना हो देखे संजय सत्येंद्र पाठक तो हर व्यक्ति को अपना ही समझते हैं। आज तुलसीदास जैसे लेखक न रहे वरना संजय सत्येंद्र पाठक के जिवन के सराहनीय कार्यो का ग्रंथ होता। संजय सत्येंद्र पाठक को लक्ष्मी पुत्र भी कह् जाता है कहा जाता है की संजय सत्येंद्र पाठक करोड़ का दान करने या मदद करने मे एक पल की देरी नही करते करोड़ों रुपये गरीबों जरूरतमंदो पर यू लुटा देते हैं जैसे आम आदमी के लिए 10 रुपये हो।
न जैसा शब्द संजय सत्येंद्र पाठक के परिवार मे किसी के पास नही है सायद आज इन्हीं धर्म कर्म का परिणाम है की योग्य पुत्र यस पाठक और हर पथ पर साथ देने वाली जिवन संगनी मिली है। एक मनुष्य धन दौलत पाने के बाद धन दौलत मे इतना मदमस्त हो जाता है की इंशान को इंशान नही समझता। किन्तु संजय सत्येंद्र पाठक मे यह गुड नही आसमान की सवारी करने वाले जब एक गरीब मित्रो से मिलते हैं तो जमीन पर बैठ जाते हैं गरीबों की साईकल हो या मोटर साइकिल उसी पर सवारी कर छेत्र का भ्रमण करने लगते हैं।
(प्रशांत मिश्रा शेरा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)