सीएमओ ने संविदाकर्मियों को प्रताड़ित करने हेतु जारी किया मनमाना आदेश, संघ ने किया विरोध
महोबा के चिकित्सा विभाग का तुगलकी फरमान

महोबा (उ.प्र.)। संविदा कर्मियों को प्रताड़ित करने की गरज से मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य इकाई के पत्र का संदर्भ लेकर मनमाने आदेश जारी किया है जिसके विरोध में कर्मचारी संघ ने एकजुट होकर प्रदेश मुख्यालय तक आन्दोलन हेतु कार्य योजना की घोषणा कर दी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चरखारी परिसर में आयोजित बैठक में संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने 5 सूत्रीय समस्याओं को सर्वसम्मति से रेखांकित किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आशाराम ने मिशन की राज्य इकाई के जिस पत्र का संदर्भ लेकर कथित अनुबंध हेतन व्दितीय पक्ष से एक सौ रुपये के स्टाम्प, फोटो, प्रथम नियुक्ति पत्र आदि की मांग की है, उस पत्र की प्रतिलिपि जिला या ब्लाक स्तर हेतु भेजी ही नहीं गई है और उस पत्र में स्टाम्प, फोटो, प्रथम नियुक्ति पत्र आदि का उल्लेख भी नहीं है।
बैठक में जिले मुख्यालय के अनेक अधिकारियों पर संविदा कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार करने, अनावश्यक कार्य सौंपने, स्थाई कर्मचारियों के निर्धारित दायित्वों को भी संविदा कर्मियों से करवाने, अलसुबह से देर रात तक विभागीय कार्य करने हेतु दबाव बनाने, अभद्र भाषा का प्रयोग करने जैसे अनेक आरोप लगाये गये।
मालूम हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चरखारी में पदस्थ रहे डा. राजेश कुमार व्दारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी की अनेक जांच अभी पुलिस सहित अनेक स्तर पर लम्बित है। सोशल मीडिया पर मोदी वाशिंग पाउडर, 2024 के चुनाव हेतु मुफ्त में रीचार्ज जैसे पोस्ट करने वाले डा. राजेश कुमार को जिलै मुख्यालय में पदस्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आशाराम ने बचाने हेतु पहले भी कर्मचारियों पर दबाव बनाया था।
बैठक के बाद जिला मुख्यालय, मण्डल मुख्यालय तथा प्रदेश मुख्यालय पर संघ द्वारा आन्दोलन के पहले चरण में ज्ञापन सौंपने का क्रम प्रारम्भ किया जायेगा। महोबा जिले का स्वास्थ्य विभाग लम्बे समय से अपनी अनियमितताओं के कारण सुर्खियों में रहा है जिस पर केन्द्र सरकार के मंत्री ने भी स्वःसंज्ञान लिया था। अब देखना यह है कि प्रदेश में विकास, नियमवद्धता और पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटने वाली योगी सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
(महोबा ब्यूरो अखिलेश शिवहरे)