माँ की आराधना से निकलता हैं हर समस्या का समाधान: शिव बहादुर सिंह

डेस्क न्यूज। हम अपनी बात एक महत्वपूर्ण वृत्तान्त बताकर शुरू करना चाहते हैँ। महाभारत का युद्ध चल रहा था। दोनों तरफ से लोग खूब जोरों शोरों से जोर आजमाइश कर रहे थे। अर्जुन बहुत प्रयत्न कर रहे थे ,फिर भी बड़े योद्धाओं को परास्त नही कर पा रहे थे।
निराश होकर अर्जुन भगवान श्री कृष्ण के पास गये और बोले भगवन लाख प्रयत्न करने पर भी बड़े योद्धाओं को हराना सम्भव नही हो पा रहा है तो भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि अर्जुन इसका एक ही समाधान है कि आप माँ दुर्गा ज़ी की साधना करके उन्हें प्रसन्न कीजिये और उनसे दिव्य अस्त्रों को प्राप्त कीजिए पर आप उनकी साधना अपने आत्मा की गहराइयों से कीजियेगा,ऊपरी मन से मत कीजियेगा। । अर्जुन से ठीक वैसे ही किया ,जैसा श्री भगवान कृष्ण ने उनसे कहा था। माँ दुर्गा ज़ी प्रसन्न हुयीं और उन्हें दिव्य अस्त्र प्रदान किया जिससे अर्जुन को विजय की प्राप्त हुई।
आप थोड़ा विचार कीजिये जब माँ दुर्गा ज़ी की साधना-आराधना प्राचीन काल से बड़े-बड़े ऋषि मुनि और वीर योद्धा करते हुये अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया है तो हमें भी उनकी तरह ही माँ दुर्गा ज़ी की साधना बड़े मनोयोग से करनी चाहिये। संगठन से जुड़कर भी हमें अन्मयस्कता का भाव नही रखना चाहिये। हमारे जीवन का उद्देश्य सिर्फ एक ही होना चाहिये कि हम लोग प्रतिदिन नियमित रूप से माँ दुर्गा की साधना करें। हमारे आराध्य हमारे गुरुदेव दिन रात सिर्फ और सिर्फ हमारे आपके कल्याण के लिये तपस्या कर रहे हैँ पर हम लोग दिन रात तीन पाँच में लिप्त हैँ।
गुरुदेव ज़ी ने माँ दुर्गा ज़ी की सरल और सुगम साधना समाज को प्रदान किया है। आप लोग इन क्रमों को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लीजिये। महाआरती में नियमित उपस्थित रहिये। शिविर एक भी आपसे छूटने ना पाए। आपके जिलों में जिधर भी आरती और चालीसा पाठ के क्रम हो रहे हों ,उनमें शामिल होने का भरपूर प्रयास किया कीजिये।रक्षा कवच बड़े शान से धारण किया कीजिये और शक्ति जल का पान प्रतिदिन किया कीजिये। अपने आज्ञा चक्र पर कुमकुम का तिलक लगा कर रखिये। वीरवार ,कृष्ण पक्ष की अष्टमी और नवरात्र का व्रत जरूर रखा कीजिये। इन क्रमों से आपका जीवन खुशहाली से भर जाएगा।
आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अगर चाहते हैँ तो देर मत कीजिये। जल्द से जल्द भगवती मानव कल्याण संगठन के सक्रीय सदस्य बनिये। मानव जीवन को सार्थक बनाना है तो गुरुदेव ज़ी की विचारधारा को आत्मसात कीजिये। अपने खराब समय को अच्छा समय बनाना है तो माँ दुर्गा ज़ी की नियमित साधना कीजिये। कलिकाल (कलयुग )की भयावहता को समाप्त करने का सबसे शशक्त माध्यम यही है।समय निकाल कर आश्रम जरूर जाइये ,वहाँ आपको गुरुदेव ज़ी के साकार स्वरूप के दर्शन प्राप्त होंगे। इन स्वर्णिम अवसरों को प्राप्त कीजिये और जीवन में शांति को स्थापित कीजिये।
जै माता की जै गुरुवर की