प्रकृति के बनाये हुये विधान के विपरीत चलने लगते हैँ तो हमें प्रकृति सत्ता दण्ड जरुर देती है: शिव बहादुर सिंह

डेस्क न्यूज। आप लोग स्वयं बुद्धिजीवी हैँ और सभी लोग विवेकवान भी हैँ। आप हमेशा ध्यान रखा कीजिये की क्या कोई भी कार्य हम लोग प्रकृति के बनाये हुये विधान के विरुद्ध तो नही कर रहे हैँ? मैं यहाँ पर प्रकृति के विरुद्ध किये जा रहे कार्योँ का जिक्र नही करूंगा ,जिससे की विवाद का जन्म हो जाय। बस मैं चाहता हूँ की आप सभी लोग स्वयं विचार करें कि हम लोग विधि द्वारा स्थापित नियमों का उल्लंघन तो नही कर रहे हैँ। इस पूरी सृष्टि का ये सर्व मान्य नियम है कि जो भी प्रकृति के विरुद्ध जाकर अपनी मनमानी करेगा उसे प्रकृति दण्ड जरूर देती है। आप स्वयं अपनी खुली आँखों से देख सकते हैँ।

अनाचार ज्यादा दिन तक टिक नही पाता। ओसामा बिन लादेन हों या सद्दाम हुसेन हों या रावण हों या कंस हों या दुर्योधन हों या कर्नल गद्दाफी हों या वर्तमान में जो भी शासक हों जो लोग भी प्रकृति के विधान के विपरीत जाकर कार्य कर रहे हैँ ,सभी को प्रकृति सत्ता के दण्ड से दो चार होना पड़ेगा।
एक बात यहाँ और भी सोचने के लिये विवश कर देती है कि #जब नाश मनुज का आता है तो पहले विवेक मर जाता है#निर्दोष लोगों की हत्या , गरीबों पर अत्याचार या निरीह पशुओं पर बर्बर्र्ता करना प्रकृति के बनाये हुये नियमों के विरुद्द कार्य की श्रेणी में आते हैँ। हमें हर पल हर क्षण एक-एक कदम बड़े सावधानी से चलने की जरूरत है। कभी भी किन्हीं भी परिस्थतियों में अपने विवेक का प्रयोग कीजिये। अपना आपा मत खोइये। दूसरों की इज्जत और सम्मान को बरकरार रखिये। अपने आपको भाग्य विधाता मत समझिये। माँ गुरुवर ही हमारे भाग्य विधाता हैँ। गुरुदेव ज़ी ने हम सभी को अच्छा जीवन जीने के लिये अद्वितीय विचारधारा प्रदान किया है।जैसे अर्जुन का लक्ष्य मछली के आँख की पुतली पर था ,ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन का लक्ष्य भी गुरुदेव ज़ी द्वारा निर्देशित क्रमों का पालन करना ही होना चाहिये।
अत्यधिक धन आ जाय ,बड़ी पावर आ जाय या जीवन में कुछ भी आपकी सोच से बड़ा प्राप्त हो जाय तो आप उस वृक्ष की तरह हो जाइये जो ज्यादा फल आने पर स्वयं झुक जाता है अर्थात् सदैव विनम्र बने रहिये। दूसरों के आत्म सम्मान को ठेस मत पहुँचाइये। अपने स्वभाव में उग्रता मत लाइये। किसी की मजबूरी का लाभ मत उठाइये। लोगों के प्रति आदर और सम्मान में कमी मत करिये। माँ गुरुवर हमारे सारे कार्योँ को देख रहे हैँ। अतः हर पल सजगता का जीवन जियें। किन्हीं भी परिस्थितियों में अपने आचरण में पारदर्शिता जरूर रखिये। परोपकार को जीवन का अभिन्न अंग बना लीजिये। आपको बेशक कोई धोखा देकर चला जाय पर आप किसी को कभी भी धोखा मत दीजिये।आप अच्छा आचरण करते रहिये शेष माँ गुरुवर के चरणों पर छोड़ दीजिये।










