आध्यात्मिक

बिलासपुर शिविर में धर्म सम्राट युग पुरुष परमहंस योगिराज गुरुदेव श्री शक्ति पुत्र महाराज जी ने मनुष्यों के कल्याण के लिये अत्यन्त प्रभावकारी मार्गों का किया उल्लेख: शिव बहादुर सिंह

डेस्क न्यूज। गुरुदेव जी ने बिलासपुर शिविर में अत्यन्त महत्वपूर्ण चिंतन में उदघोषणा किया कि समय रहते आप अपने जीवन में बदलाव कर लीजिये अन्यथा आपको जीवन पर्यन्त पछतावा रहेगा कि ऐसा सुनहरा अवसर पाकर भी हमने इस अवसर का लाभ नहीं उठाया और ऐसे महत्वपूर्ण अवसर को खो दिया अतः अभी भी आप लोग गहरी निद्रा को त्यागकर जागृत अवस्था को प्राप्त कीजिये और गुरुदेव जी द्वारा निर्देशित मार्ग का पालन करना प्रारम्भ कर दीजिये। हमारे ख्याल से अधिकाँश लोग आँखें रहते भी दृष्टिहीनों का जीवन जी रहे हैँ।

उन्हें सत्य और असत्य का भेद समझ में नहीं आ रहा है। आज आप अपने छोटे- छोटे लाभों के लिये असत्य का समर्थन कर रहे हैँ कल जब प्रकृति सत्ता द्वारा आपके कार्योँ का मूल्यांकन किया जाएगा तो आपको बहुत पछतावा होगा। अतः समय रहते अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिये और सत्य का जीवन जीना शुरू कर दीजिये। गुरुदेव जी ने बड़ा स्पष्ट मार्ग हम सभी को प्रदत्त किया है अगर हम लोग इन मार्गों को अनदेखा करेंगे तो हम अनेक लाभों से वंचित हो जायेंगे।

माँ जगत जननी क़ी आराधना का मार्ग ही वर्तमान समय में सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। कहीँ भी भटकने क़ी आवश्यकता नहीं है। साधना का इतना सरल मार्ग गुरुदेव जी ने हम लोगों को प्रदान किया है कि हम चाहें तो अपने समस्त समस्याओं का समाधान प्राप्त कर लें। जितना समय हम लोग व्यर्थ के कार्योँ में खर्च कर देते हैँ अगर थोड़ा समय हम लोग गुरुदेव जी द्वारा प्रदत्त विशिष्ट मंत्रों के जाप में लगा दें तो सारा जीवन खुशहाल हो जाएगा। बहुत सारे लोग नाना प्रकार क़ी गलत गतिविधियों में लिप्त हैँ ,उन्हें सत्य का बोध नहीं हो पा रहा है।

गुरुदेव जी ने कहा कि आप लोगों का कल्याण करना ही हमारे जीवन का मुख्य उद्देध्य है। मानवता क़ी सेवा का जो बीड़ा गुरुदेव जी ने उठाया है ,आज किसी के पास ऐसी क्षमता है ही नहीं जो करोड़ों लोगों के जीवन में इतना व्यापक परिवर्तन कर सकें। जो लोग नशे से अपने जीवन को बर्बाद कर रहे थे ,आज वही लोग गुरु दीक्षित होकर दूसरों के जीवन को गुरुदेव जी द्वारा निर्देशित मार्गों द्वारा समाज में व्यापक परिवर्तन कर रहे हैं। हम लोगों को भी अपने स्वार्थ क़ी भावना से ऊपर उठना होगा और दूसरों के कल्याण के बारे में विचार करना होगा।

हमने स्वयं अच्छा खा लिया ,अच्छा पहन लिया ,अच्छे मकान में रहने लगे और अच्छे वाहन से चलने लगे तो इसी जीवन को हमने सर्व श्रेष्ठ जीवन मान लिया ,ऐसा नहीं सोचना चाहिये। जीवन क़ी सार्थकता तब है जब हम दूसरे लोगों के जीवन को गुरुदेव जी क़ी विचारधारा के माध्यम से बदल दें। लोगों को सही और गलत का भेद नहीं मालूम है। जो लोग गलत कार्योँ को ही अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य मानें हुये है ,ऐसे लोगों को सत्य से अवगत कराना होगा। सत्य का जीवन जब लोग जीने लगेंगे तो एहसास होगा कि यही जीवन सर्वोत्तम जीवन है।

छल -कपट का जीवन छोड़ना होगा। परोपकारी व्यक्ति आजीवन सुखी रहता है। जब आप दूसरों के कल्याण के लिये कार्य करते हैँ तो माँ गुरुवर आपके कल्याण के लिये मार्ग प्रशस्त कर देते हैँ। माँ गुरुवर क़ी नियमित साधना कीजिये आपको जीवन क़ी समस्त समस्याओं का निदान मिलता जाएगा। चाहे आपका कोई कितना बड़ा ही मित्र क्यूँ ना हो उसके गलत कार्योँ का समर्थन बन्द कर दीजिये। सही कार्योँ का खुलकर समर्थन कीजिये चाहे उसके लिये आपको कष्ट भी झेलना पड़े। लोग अपनी अन्तरात्मा क़ी आवाज नहीं सुनते हैँ उसे अनदेखा करने लगे हैँ। आप जब नियमित साधना करते हैँ तो आप विवेकवान बन जाते हैँ।

सत्य और असत्य का बोध माँ गुरुवर क़ी साधना द्वारा ही हो पाता है।हमें अपने फालतू कार्योँ को चिन्हित करना होगा और उन्हें अपने जीवन से दूर भगाना होगा।गुरुदेव जी के सानिध्य को प्राप्त करके भी हम लोग अपने जीवन में परिवर्तन नहीं कर पा रहे हैँ तो हमें अपनी कमियों को दूर करना होगा और उन पर विजय प्राप्त करना होगा।अधिकाँश लोग जन जागरण में रुचि नहीं लेते हैँ ,ये उचित नहीं है। ऊर्जा का मुख्य श्रोत माँ दुर्गा जी क़ी दिव्य आरती और चालीसा पाठ के क्रमों में ही है। जन जागरण के द्वारा समाज में व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है अतः जन जागरण को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लीजिए।

जै माता क़ी जै गुरुवर क़ी

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