सागर के इस गांव में निकले 40 से ज्यादा हैजा के मरीज, स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प, प्रशासन मौन

मध्यप्रदेश। सागर जिले में जल जीवन मिशन और स्वास्थ्य विभाग की तमाम सारी योजनाएं धराशाई होती दिखाई दे रही है क्योंकि बीते एक सप्ताह से जिले की रहली तहसील के ग्राम पटना बुजुर्ग में उल्टी दस्त और हैजा के कई मरीज सामने आए हैं।
ग्रामीणों की मानें तो अब तक 40 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते दो नौजवानों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में फैल रही इस महामारी के लिए गांव में ओवरहेड टैंक से सप्लाई होने वाला दूषित पानी जिम्मेदार है।https://youtu.be/wVRay6508gg?si=u1hsw814SuQBXck0
बता दें कि पानी में कीड़ों की उपस्थिति भी स्पष्ट देखी जा सकती है। वहीं अब तक क्षेत्र के अधिकारियों ने इस पर कोई विशेष संज्ञान नहीं लिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ना तो अब तक कोई जांच कराई गई है और ना ही कोई भी जिम्मेदार अब तक यहां सर्वे के लिए आया है। प्रशासनिक अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद खोलने के लिए अब मजबूर होकर ग्रामवासियों ने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को एक आवेदन पत्र दिया हैं जिसमें स्वास्थ विभाग की ओर से एक कैंप लगाया जाने की मांग की गई है।
जिससे बिना जिला अस्पताल जाए भी लोगों की जांच हो सके, साथ ही नलों से आने वाले पानी की भी जांच कराने की मांग रखीं गई हैं। गौरतलब है कि ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम पटना में बने अस्पताल में डॉक्टर और नर्स बहुत ही कम उपस्थित रहते हैं। यहां तक कि प्राथमिक उपचार की सामग्री के लिए भी ग्रामीणों को गांव से बाहर का रास्ता देखना पड़ता है। हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक बसंत नेमा की माने तो सभी मरीजों को विशेष इलाज मुहैया कराया जा रहा है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध हैं।
(सागर ब्यूरो शशि कुमार चौधरी)