आध्यात्मिक

काठमांडू (नेपाल )के शिविर में साक्षात देखा और सुना भक्त अपने भगवान का मिलन: शिव बहादुर सिंह

डेस्क@शिव बहादुर सिंह। भक्त और भगवान के मिलन का वर्णन अभी तक सुदामा और भगवान श्री कृष्ण के बारे में सिर्फ सुना था परन्तु काठमांडू (नेपाल )के शिविर में साक्षात देखा और सुना। भक्त अपने भगवान को पाकर इतने प्रसन्न दिखलाई दे रहे थे ,दूसरी तरफ भगवान ( गुरुदेव श्री शक्ति पुत्र महाराज ज़ी )अपने भक्तों पर अपना सर्वस्व लुटा रहे थे। ऐसा अदभुद दृश्य देखकर मन गदगद हो गया। जहां भक्त अपने गुरुवर के लिये इतने व्याकुल थे कि कब हमारे आराध्य का आगमन हो और हम उनके दिव्य साकार रूप का दर्शन प्राप्त करें। सभी माँ भक्त अपने कृपा निधान को पाकर खुशी से नाच रहे थे। ऐसा लग रहा था कि ये अविस्मरणीय दृश्य देखते ही रहें।

गुरुवर ने सभी माँ भक्तों के ऊपर प्रसन्न होकर अपने आशीर्वादों की बरसात कर दिया। गुरुदेव ज़ी ने कहा कि आपके अथक परिश्रम का फल आपको जरूर प्राप्त होगा। नेपाल के कोने-कोने से लोग अपने पालनहार की एक झलक पाने के अत्यन्त व्याकुल थे। गुरुदेव ज़ी ने अपने चिंतन में कहा कि जो भक्त इतने मुश्किल भरे रास्तों को तय करके भारत से आये हैँ ,सड़क मार्ग से अपनी गाड़ियों से बसों से तथा किराए की गाड़ियों से और हवाई मार्ग से जो भी भक्त शिविर में शामिल हुये ,उन सभी भक्तों को गुरुदेव ज़ी ने अपना भरपूर आशीर्वाद प्रदान किया।

गुरुदेव ज़ी ने आह्वाहन किया कि आप लोग अगर अपने जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैँ तो अपने आपको बदल दीजिये। सूर्योदय से पहले उठना प्रारम्भ कीजिये। सुबह शाम माँ दुर्गा ज़ी की साधना अवश्य कीजिये। जिस नेपाल में कभी लोग शराब और माँस के सेवन से गरीबी का जीवन ज़ी रहे थे ,आज गुरुदेव ज़ी की कृपा से लाखों घरों में माँ जगदम्बे की सुबह शाम आरती होती है।

नेपाल के बड़े-बड़े अधिकारी गुरुदेव ज़ी के चिंतन को सुनने के लिये आये थे। भगवान पशुपति नाथ के दर्शन का भी लाभ हम सभी को प्राप्त हुआ। नेपाल के कार्यकर्ताओं की गुरुदेव ज़ी ने भूरि भूरि प्रशंसा किया। गुरुदेव ज़ी ने सभी भक्तों से कहा की आप अपने जीवन का उत्थान करना चाहते हों तो अपने आचरण में पारदर्शिता लायें। गरीबों के प्रति दया का भाव रखिये। नशे और माँस के सेवन करने से करोड़ों लोगों का जीवन बर्बादी के कगार पर है।

नेपाल में रहने वाले ज्यादातर लोग नशे से त्रस्त थे। गुरुदेव ज़ी की विशेष कृपा के फलस्वरूप आज अधिकाँश लोग नशा मुक्त और माँसाहार मुक्त जीवन जी रहे हैँ। गुरुदेव ज़ी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात का उल्लेख किया कि हमारे स्वयं के शरीर में बहुत अलौकिक शक्तियाँ छिपी हुई हैँ पर हमें उनका लाभ नही मिल पा रहा है। हम इन शक्तियों का लाभ पाना चाहते हों तो हमें उन शक्तियों को जागृत करना होगा और तभी सम्भव होगा जब हम नियमित पूरी निष्ठा के साथ माँ ॐ का जप करें ,गुरु मंत्र(ॐ शक्ति पुत्राय गुरुभ्यो नमः ) और शक्ति चेतना मंत्र (ॐ जग्दम्बिके दुर्गायै नमः )का जप करें। अपने जिलों और तहसीलों की महा आरती में जरूर शामिल हों। परिवार के सभी सदस्यों को साथ लेकर जायें। शिविर में जरूर जायें। अपने घरों में माँ दुर्गा ज़ी की आरती और पाठ का आयोजन कराते रहें। हमें कुछ पाने के लिये गुरुदेव ज़ी की विचारधारा का पालन करना ही होगा।

अधिकाँश लोग भटकाव का जीवन जी रहे हैँ। हमें पहले अपने आपको बदलना होगा तभी हम दूसरों को बोल पाएँगे। अगला शिविर जो की आश्रम में संपन्न होगी उसकी व्यापक तैयारी हम अभी से शुरू कर दें। लोगों को सिर्फ प्रेरित कीजिये ,लोग जाने के लिये तैयार हों जायेंगे। राग द्वेष का जीवन हमें पीछे की तरफ धकेलता है।हम किसी को कुछ समझाने से पहले स्वयं ही नकारात्मक विचार बना लेते हैँ। पहले आप स्वयं सकारात्मक विचार रखिये तो लोग आगे बढ़कर आपकी बातों को मानेंगे और उन बातों पर अमल भी करेंगे। समय कम है पर कार्य ज्यादा है अतः आज और अभी से गुरुदेव ज़ी द्वारा निर्देशित मार्ग का पालन करना प्रारम्भ कर दीजिये।

(लेखक- शिव बहादुर सिंह आध्यात्मिक संपादक शक्ति न्यूज)

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