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खतरे में भविष्य: 1032 निजी स्कूलों को लापरवाही के चलते नहीं मिली मान्यता, खतरे में 60 हजार विद्यार्थियों का भविष्य, अभिभावकों की चिंता बढ़ी

हरियाणा। प्रदेश में 1032 स्कूलों की मनमर्जी 60 हजार विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है। स्कूलों द्वारा नियमों को पूरा नहीं करने पर प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को मान्यता नहीं दी है। इसके चलते 10वीं और 12वीं कक्षा के इन विद्यार्थियों का हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में न तो इनरोलमेंट हो पाया है और न ही ये बोर्ड परीक्षाओं के लिए फार्म भर सकें हैं। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों की चिंता बढ़ने लगी है।

जानकारी के अनुसार मार्च में राज्य सरकार ने साफ कर दिया था कि भविष्य में साल दर साल मिलने वाली अस्थाई मान्यता का मामला अब लंबा नहीं चलेगा। इसके लिए सरकार ने कुल अस्थाई मान्यता प्राप्त 1338 स्कूलों को नियमों में कुछ राहत देते हुए छूट दी थी और दो साल की समय अवधि तय की थी। इनमें से 306 स्कूलों ने तो नियमों को पूरा कर स्थाई मान्यता ले ली लेकिन सरकार द्वारा बैंक गारंटी मांगे जाने पर निजी स्कूल संचालकों ने इस फैसले का विरोध कर दिया।

वहीं इधर शिक्षा सत्र समाप्ति की ओर है और फरवरी माह में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी है। अस्थाई मान्यता वाले 1032 स्कूलों के दसवीं और बारहवीं कक्षा के 60 हजार विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। नियम पूरा नहीं करने पर सरकार ने इन स्कूलों नए साल के लिए मान्यता नहीं दी है। इसी फेर में ये विद्यार्थी अब बोर्ड परीक्षाएं देने के लिए फार्म तक नहीं भर पाए हैं।

2003 से मिलती रहती है साल दर साल मान्यता-
वर्ष 2003 से हर साल इन स्कूलों को अस्थायी मान्यता मिलती रही है लेकिन 2021 में राज्य सरकार ने नियम पूरे किए बिना अस्थायी मान्यता देने से इंकार कर दिया था। इन स्कूलों में कुल विद्यार्थियों की संख्या पांच लाख के करीब है। छह माह पहले शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक हुई थी। बैठक में नियमों में छूटकर स्थाई मान्यता के लिए पाॅलिसी बनाई गई थी और इन स्कूलों से स्थाई मान्यता के लिए पोर्टल पर आवेदन मांगे गए थे लेकिन अधिकतर स्कूलों ने इसके लिए आवेदन नहीं किया।

इनका कहना-
अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को स्थाई मान्यता देने के लिए सरकार की तरफ से नियम काफी कड़े हैं, इनमें राहत दी जाए। साथ ही बैंक गारंटी की शर्त को हटाया जाए। मान्यता के लिए स्कूल तैयार हैं लेकिन वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वे राशि नहीं जमा करा पा रहे। स्कूल संचालक मनमर्जी नहीं कर रहे, बल्कि मजबूरी में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। 60 हजार विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा को लेकर जल्द शिक्षा मंत्री से मुलाकात की जाएगी।
सत्यवान कुंडू, प्रदेशाध्यक्ष, हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ

पहले सरकार इन स्कूलों को मान्यता देगी, इसके बाद बाद बोर्ड संबद्धता देगा। ये ही प्रक्रिया है। सरकार की मान्यता मिलने के बाद ही विद्यार्थियों का इनरोलमेंट हो सकेगा और वे बोर्ड परीक्षाओं के लिए फार्म भर सकेंगे। ओपी यादव, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड।

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