जिसके नाम से ही सुकून मिलता है वो पौधे ही हैं: प्रो. शुभा तिवारी
एमसीबीयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में दो दिवसीय व्याख्यान माला का हुआ समापन

छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ. मंजूषा सक्सेना ने कार्यक्रम की नींव रखते हुए भारतीय ज्ञान परम्परा में परंपरागत पौधों की उपयोगिता एवं महत्त्व विषय पर अपनी बात रखते हुए विषय प्रवर्तन किया।
मीडिया समिति के सदस्य डॉ योगेश चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिनके नाम से सुकून मिलता है वो पौधे ही हैं। पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। मुख्य वक्ता डॉ. टी. के. शर्मा, प्राचार्य, विपिन बिहारी पीजी कॉलेज झांसी रहे।उन्होंने अपने वक्तव्य में प्राचीन काल से आज तक मनुष्य और पौधों के बीच संबंधों को स्पष्ट किया, साथ ही आधुनिक युग में मोटे अनाज की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. रविन्द्र सिंह सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, वनस्पतिशास्त्र, चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने छात्र–छात्राओं का मार्गदर्शन कर भारतीय ज्ञान परंपरा में परंपरागत पौधों की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में बताया, साथ ही पौधों से औषधियों के निर्माण के बारे मे बताया। पौधों का मानव जीवन में होना कितना महत्वपूर्ण है? इसके महत्व को समझाया। कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा का विशेष ध्यान रखा गया।
अतिथियों का स्वागत रुद्राक्ष की माला से किया गया तथा विदाई बांस की टोकरी में फल रख कर की गई ।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. योगेश चतुर्वेदी ने किया तथा डा अमिता अरजरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ पीएल प्रजापति , डॉ पी के जैन, डॉ अर्चना जैन, डॉ अपर्णा प्रजापति , पी के अरजरिया तथा दीपक यादव के अलावा अनेक अतिथि विद्वान एवं छात्र–छात्राएं उपस्थित रहे।