आध्यात्मिक

इस साल बेहद शुभ संयोग: पुष्य नक्षत्र घर आएंगी देवी लक्ष्मी, भरा रहेगा भंडार

डेस्क न्यूज। पुष्य नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों की सूची में पुष्य नक्षत्र आठवें नंबर पर आता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है। पुष्य नक्षत्र के देवता गुरु बृहस्पति हैं। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि और राशि कर्क है। इस नक्षत्र के दौरान की गई पूजा सुख, सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है। ज्योतिषी रिटायर्ड तहसीलदार पंडित शोभाराम मिश्रा जी के मुताबिक साल के सभी पुष्य नक्षत्रों में कार्तिक पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है, क्योंकि इसका संबंध कार्तिक महीने के प्रधान देवता भगवान लक्ष्मी नारायण से है।

बहुत ही शुभ है पुष्य नक्षत्र-
यह नक्षत्र इतना शुभ है कि इसमें शादी-विवाह को छोड़कर बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ काम किसी भी समय किया जा सकता है। जैसे- खरीदारी, निवेश और बड़े व्यापारिक लेन-देन। ऐसे में इस दिन सच्चे भक्ति भाव से विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में साफ-सफाई को जीवन का अभिन्न हिस्सा माना गया है।

वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार, अगर घर की सफाई की जाए तो मां लक्ष्‍मी खुश होकर घर को धन-धान्‍य से भर देती हैं। घर के लोग अपने कामकाज में खूब तरक्‍की करते हैं, ढेर सारा पैसा कमाते हैं और उन्‍हें समाज में हमेशा मान-सम्‍मान मिलता है। साथ ही घर में खुशहाली भी बनी रहती है।

पुष्य नक्षत्र की पूजा और कामों की सफलता के लिए और उसका पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए भी यह जरूरी है कि पूजा से पहले घर के एक-एक कोने की साफ-सफाई कर ली जाए।

इसलिए अगर आप घर में समृद्धि, संपन्नता, धन, यश, वैभव और खुशहाली लाना चाहते हैं तो पुष्य नक्षत्र से पहले ही घर की सफाई कर लें। आज जरूरत की खबर में जानते हैं कि पुष्य नक्षत्र की पूजा को सफल बनाने और सुख-समृद्धि के रास्‍ते खोलने के लिए क्या करें।

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