दो महिलाओं सहित तीन को सात-सात साल की सजा

उत्तरप्रदेश। बांदा जनपद अंतर्गत छह साल पहले युवक की फांसी से मौत हुई थी। उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा.बब्बू सारंग की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। दोषी दो महिलाओं सहित तीन को सात-सात साल कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर छह-छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। आधी धनराशि पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में अदा करने के आदेश दिए। तीनों दोषियों का सजायावी वारंट बनाकर जेल भेजा गया।
कानपुर में घाटमपुर के पतारा गांव निवासी राज नारायण सविता कर बेटा सचिन बांदा आया था। दो अप्रैल 2017 को समय करीब 11 बजे पतारा चौकी के सिपाही से उन्हें जानकारी मिली कि बांदा स्थित अमितलाल होटल में सचिन की मौत हो गई है। राज नारायण जब परिवार के साथ बांदा पहुंचे तो जिला अस्पताल स्थित मोर्चरी में बेटे का शव मिला।
होटल में जानकारी लेने पहुंचे तो बताया गया कि सचिन अपनी पारिवारिक चाची गुड्डन, बहन व उसके साथी के साथ यहां आया था। चार अप्रैल को राज नारायण ने शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। आशंका व्यक्त की कि चाची गुड्डन, उसकी बहन व उसके साथी ने मिलकर हत्या की है। विवेचना में सामने आया कि गुड्डन पत्नी सोनू सविता निवासी पतारा, हिना पत्नी विजयकरन सविता निवासी सैमरी तिंदवारी व छोटू उर्फ रामविलास सविता पुत्र भूरा निवासी गुरेह कोतवाली देहात रुपये की मांगकर सचिन को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में फांसी से मौत की बात सामने आई थी। मामले का आरोपपत्र तीनों के विरुद्ध न्यायालय में पेश किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य व अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपने 20 पृष्ठीय फैसले में तीनों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इसके अलावा अर्थदंड भी लगाया है।